तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !

तुझसे मिलने की बेताबी का वो अंजाम कैसे भुलादूँ !
तेरे लवो की हँसी और आँखों की जाम कैसे भुलादूँ !!
दिल तो हमारा भी तड़पता हैं तेरा साथ पाने को !
पर इस जहाँ के रश्मो - रिवाज कैसे भुलादूँ !!

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निकलते है आंसू जब मुलाकात नहीं होती,